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बारिश की रात भाई से चुद गई || Barish ki raat Bhai se chud gyi || Bhai bahan ki Antarvasna

भाई बहन की चुदाई कहानी में पढ़ें कि एक रात मैं भाई के साथ सोई थी. उसने मेरी चूची पर हाथ रख दिया. मैं गर्म हो गयी. फिर उसने मेरी चूत छुई. तो मैंने क्या किया?

दोस्तो, मेरी नाम रिया है. मेरी आयु 24 साल है. मैं एक छोटे से गांव से हूं.

इस कहानी को सुन कर मजा लें.

🔞 @bhai bahan ki nayi antarvasna kahani ✍



यह भाई की चुदाई कहानी 3 साल पहले की है जब मैं 21 साल की थी; मेरी शादी नहीं हुई थी, मैं कुंवारी थी. अब तो मेरी शादी हो चुकी है और दो साल बीत चुके हैं.

हम लोग परिवार में कुल 4 सदस्य थे. मेरा भाई, मैं और मम्मी-पापा. हम मिडिल क्लास के लोग हैं.

पापा हमेशा बाहर जाते थे पैसे कमाने के लिए. वह दिल्ली में रहते हैं और सिलाई का काम करते हैं.

मैं और मेरा भाई जो कि मेरे से 2 साल छोटा है हम लोग पढ़ने जाते थे.

उस समय मैं कॉलेज के सेकेण्ड इयर में थी और मेरा भाई बाहरवीं में था. मैंने भी कभी चुदाई नहीं करवायी थी और भाई भी चुदाई से अनजान था.

वो काफी शर्मीले मिजाज का हुआ करता था और मेरी हर बात मानता था. मुझे पता था कि उसकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी.

मुझसे उसकी कोई बात छिपी नहीं थी.

जब मैं कॉलेज जाती थी तो एक लड़का मुझे ध्यान से देखा करता था.

मैं भी धीरे धीरे उसको पसंद करने लगी.

फिर वो बहाने से मेरे साथ बात करने लगा और हम दोनों की फ्रेंडशिप हो गयी.

चूंकि भाई मेरे कॉलेज के सामने से ही गुजरता था तो वो भी उस लड़के की निगाहें पढ़ चुका था. यह बात भाई को बिल्कुल अच्छी नहीं लगती थी.

मुझे वो लड़का अच्छा लगने लगा था. हम लोग चोरी छुपे मिलते थे.

भाई को ये बात एक दिन पता लग गई कि हम लोग आपस में मिलते हैं.

उसने मुझे धमकी दी कि वो घर में इस बात के बारे में बोल देगा.

बड़ी मुश्किल से मैंने उसको मनाया. फिर वो मान गया.🔞 @bhai bahan ki nayi antarvasna kahani ✍

फिर कुछ दिन के बाद गर्मी का मौसम शुरू हो गया. फिर जुलाई का महीना आ गया. गर्मी काफी पड़ रही थी. हम लोग अब छत पर सोते थे.

एक रात को बारिश का मौसम हो रहा था. मैंने भाई को छत पर सोने के लिए मना किया.

मगर वो नहीं माना.

वो कहने लगा कि बारिश आयेगी तब नीचे आ जायेगा.

फिर वो ऊपर सोने चला गया.

दोस्तो, मैं आपको बता दूं कि हमारे घर में दो कमरे थे जिनमें बेड डले हुए थे. एक में मम्मी पापा सोते थे और एक में हम दोनों भाई बहन सोते थे.

मैं उस दिन अपने रूम में सो रही थी नीचे.

रात को अचानक बारिश शुरू हो गयी तो मेरी भी आंख खुली. मैं नींद में थी तो फिर मैंने दोबारा से आंखें बंद कर लीं.

मगर मुझे याद है कि मैंने भाई को भागकर नीचे आते हुए देखा था.

वो आकर मेरे पास बेड पर लेट गया. फिर मैं भी सो गयी.

कुछ देर के बाद जब अचानक से मेरी नींद हल्की सी टूटी तो मेरी नजर भाई की ओर गयी.🔞 @bhai bahan ki nayi antarvasna kahani ✍

मैंने पूरी आंखें नहीं खोलीं मगर मैं सोने का नाटक करती रही.

वो बैठा हुआ मुझे ही देख रहा था.

कुछ देर तक वो ऐसे ही मुझे बैठा बैठा देखता रहा.

फिर वो मेरे पास आकर बैठ गया.

मेरी तो धड़कनें तेज हो गईं. मगर उसने कुछ किया नहीं.

फिर वो दोबारा से लेट गया.

मगर इस बार वो मेरे काफी पास लेटा था.

लेटने के बाद उसने मेरे पेट पर अपना हाथ रख दिया.

मैं जाग गयी और मैंने उसे भी जगा दिया.

मगर वो तो पहले से ही जाग रहा था.

मैंने उसको बोला- ये क्या कर रहा है तू भाई?

वो बोला- सॉरी दीदी, नींद में था तो लग गया.

फिर मैंने कहा- ठीक है, सो जा आराम से.

उसके कुछ देर बाद उसने फिर से मेरे पेट पर हाथ रख दिया.

मेरी आंख खुली मगर मैंने सोचा कि नींद में रखा होगा और मैं भी फिर सो गयी.

एक घंटे के बाद मुझे कुछ महसूस हुआ. मुझे लगा जैसे कोई नुकीली चीज मेरे पीछे चुभ रही है. मैंने पाया कि भाई के हाथ मेरे बूब्स पर थे और वो पीछे से अपना लंड मेरी गांड पर चुभा रहा था.

मैं कुछ नहीं बोली और चुपचाप उसकी हरकतें देखने लगी.

धीरे धीरे वो मेरे पूरे बदन पर हाथ से सहलाने लगा. मेरे पेट से होते हुए मेरी चूत तक आ गया. ऊपर से उसने मेरी चूत पर हाथ फिरा दिया.

एकदम से मेरे बदन में सरसरी दौड़ी जिसको मैंने बहुत ही मुश्किल से कंट्रोल किया.🔞 @bhai bahan ki nayi antarvasna kahani ✍

वो मेरे बूब्स दबाने लगा और मैं कुछ नहीं बोल रही थी.

भाई के सहलाने से मेरी चूत गीली होने लगी. मैंने अपनी चूत के बाल भी दो दिन पहले ही साफ किये थे.

मैं भी अब धीरे धीरे गर्म होने लगी थी. मगर मैं सोने का नाटक करती रही. मैं उसके हाथों का मजा ले रही थी.

उसने धीरे से फिर मेरी कैपरी नीचे कर दी. मैंने भी बिना उसको जाहिर हुए अपनी गांड थोड़ी सी उठा दी थी ताकि कैपरी आसानी से निकल जाये.


मैं सोने का नाटक पहले की तरह ही करती रही.

मेरी कैपरी को नीचे करने के बाद उसने मेरी पैंटी भी नीचे कर डाली और मेरी चूत को चाटने लगा.

उसकी गर्म जीभ मुझे मेरी चूत पर महसूस हो रही थी.

मैं खुद को अब कंट्रोल कर नहीं पा रही थी.

फिर उसने मेरी चूत के अंदर ही जीभ दे दी और मेरी आह्ह निकल गयी.

मैं उठ गयी और चौंक कर बोली- ये क्या कर रहे थे तुम?

वो बोला- सॉरी दीदी, आप बहुत हॉट हो. मुझसे रहा नहीं गया.

मैं नाटक करते हुए बोली- मैं ये सब मम्मी को बता दूंगी.

वो डर गया और अपनी साइड जाकर लेट गया.🔞 @bhai bahan ki nayi antarvasna kahani ✍

उसका लंड उसकी कैपरी में अभी भी खड़ा था जो फिर धीरे धीरे सो गया.

वो लेट तो गया लेकिन वो डर गया था. वो बोला- दीदी, मम्मी को मत बताना.

मैं बोली- नहीं बताऊंगी. मगर जैसा मैं कहती हूं फिर वैसा ही कर!

उसने कहा- हां. ठीक है. बताओ क्या करना है?

मैं बोली- मेरे पास आ जा और मेरी चूत को अच्छे से चाट.

ये सुनकर वो खुश हो गया और मेरे पास आकर उसने फिर से मुझे नीचे गिरा लिया.

उसके बाद वो जोर जोर से मेरी चूत में जीभ से चाटने लगा.

मैं तो पहले से ही गर्म थी. चूंकि अब भाई को मेरी चूत चाटने की अनुमति मिल गयी थी तो वो पूरे जोश में बिना डरे चूत को चाट रहा था.

इससे मैं जल्दी ही झड़ने को हो गयी. मैं बोली- रुक जा अब … आह्ह … रुक … मेरा आने वाला है.

वो बोला- आने दो दीदी, मैं आपका पानी पी जाऊंगा.

अब मैं तेज तेज कमर हिलाने लगी और अपनी चूत को उसके मुंह से चुदवाने लगी.

कुछ ही देर में मेरा पानी निकल गया और मैंने उसके मुंह को अपनी चूत पर दबा लिया.

उसने मेरी चूत का सारा पानी पी लिया. मैं शांत हो गयी.

फिर वो बोला- आपका तो हो गया लेकिन मेरे इसका क्या?

उसने अपनी कैपरी में तने लंड को दिखाते हुए कहा.🔞 @bhai bahan ki nayi antarvasna kahani ✍

वो बोला- अब आपका तो हो गया, मेरा कौन करेगा?

मैंने कहा- ठीक है, मगर मैं थोड़ा सा ही करूंगी. ज्यादा नहीं.

वो बोला- ओके.

फिर उसने अपनी कैपरी निकाल दी और मैंने उसका लंड पहली बार देखा.

उसका लंड 6 इंच का था और रस में पूरा भीग गया था.

फिर मैंने उसके लंड को मुंह में लिया.

मुझे बहुत गंदा लगा. मैंने पहली बार लंड को मुंह में लिया था. फिर मैं चूसने लगी और धीरे धीरे मुझे अच्छा लगने लगा.

अब भाई के मुंह से आह्ह … आह्ह … करके आवाजें आने लगीं.

मैं बोली- क्या हुआ भाई?

वो बोला- करती रहो दीदी … बहुत मजा आ रहा है. चूसती रहो अच्छे से!

मैं और अच्छे से उसका लंड चूसने लगी क्योंकि मुझे भी अब लंड चूसने में काफी मजा आने लगा था.

पांच मिनट तक चुसवाने के बाद फिर उससे रहा नहीं गया और वो मेरे सिर को उठाकर बोला- बस दीदी … अब आपको चोदने का मन कर रहा है. अब चूत में डालने दो प्लीज.

मेरी चूत में भी खुजली मची हुई थी इसलिए मैंने भी मौके का फायदा उठाया और मैं चूत खोलकर उसके सामने लेट गयी.🔞 @bhai bahan ki nayi antarvasna kahani ✍

वो मेरी टांगों के बीच में आ गया और मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा.

मैं भी पूरी गर्म हो गयी और मजा लेने लगी. अब मेरा मन खुद ही चुदने का कर रहा था.

मैंने कहा- भाई, जल्दी डाल दे.

लेकिन वो हरामी मेरी चूत पर लंड को रगड़ता ही रहा.

फिर उसने अपना लंड एकदम से मेरी चूत में धकेल दिया और मेरी आह्ह निकल गयी.

मैंने बहुत बार चूत में उंगली की हुई थी इसलिए मेरी चूत इतनी कुंवारी नहीं रह गयी थी.

उसका लंड मेरी चूत में फंस गया. मुझे दर्द तो हुआ लेकिन मैं बर्दाश्त कर गयी क्योंकि भाई का लंड भी औसत ही था.

फिर वो मेरी चूत में लंड घुसाकर मुझे चोदने लगा.

हम दोनों के मुंह से आह्ह … आह्ह … करके सिसकारियां निकलने लगीं.

मगर हमें ध्यान ही नहीं रहा कि घर में मम्मी पापा भी हैं.

वो तो अच्छा हुआ कि बाहर जोर से बारिश पड़ रही थी और हम भाई बहन की चुदाई की आवाजें हमारे मम्मी पापा को सुनाई नहीं दीं.

मुझे चुदाई में पूरा मजा आ रहा था. भाई भी पागलों की तरह मुझे चोदने में लगा हुआ था.🔞 @bhai bahan ki nayi antarvasna kahani ✍

मैं अब बहुत ज्यादा गर्म हो गयी थी और जोर से चुदना चाह रही थी.

मैंने कहा- और तेज करो भाई.

वो बोला- हां चोद रहा हूं दीदी. मगर तुम्हें इतनी जल्दी क्यों मची है? हमें कोई ट्रेन पकड़नी है क्या?

मैं बोली- तू जोर से चोद … बहुत मजा आ रहा है … आह्ह … चोद भाई … चोद दे बहन को … बहन की चूत भाई के लंड से चुदना चाह रही है।

वो मुझे जोर जोर से चोदने लगा.

फिर वो थकने लगा तो मैंने उसको नीचे लेटा दिया और मैं उसके लंड पर बैठकर आगे पीछे होने लगी.

उसको थोड़ी राहत मिली और फिर हम दोनों फिर से एक दूसरे का साथ देने लगे.

मेरी चूत का पानी निकल चुका था जो भाई के लंड को पूरा गीला कर गया था. अब पच … पच की आवाज होने लगी और भाई भी झड़ने को हो गया.


वो बोला- आह्ह दीदी … और अंदर लो … आह्ह … लेती रहो … बहुत मजा आ रहा है… आह्ह … मैं आने वाला हूं दीदी … ओह्ह … मैं आने वाला हूं.

मैंने कहा- नहीं, अंदर नहीं गिराना है.

वो बोला- ठीक है तो मैं लंड को निकाल लेता हूं. बाहर गिरा दूंगा.

मैंने कहा- नहीं, बाहर भी नहीं गिराना है.

वो गुस्सा होकर बोला- साली … फिर कहां गिराना है?🔞 @bhai bahan ki nayi antarvasna kahani ✍

मैंने कहा- मेरे मुंह में गिराना है. मैं पीना चाहती हूं. मैं भी देखना चाहती हूं लंड के माल का स्वाद कैसा होता है. तूने तो मेरी चूत के रस का स्वाद ले लिया. अब मैं लंड के माल का स्वाद लूंगी.

जब उसका निकलने को हुआ तो उसने मेरी चूत से लंड को निकाल लिया और उठकर मेरे मुंह में लंड दे दिया.

वो मेरे मुंह में लंड से चोदने लगा.

मैं भी लंड को चूसकर उसका रस चख रही थी लेकिन वीर्य आना बाकी था.

फिर वो जोर जोर से चिल्लाते हुए आहें भरने लगा और उसके वीर्य की गर्म पिचकारी मेरे मुंह में आने लगी.

मुझे बहुत अजीब स्वाद लगा लेकिन वीर्य को मुंह में गिरवाने में मजा आया.

मैं वीर्य को मुंह में ही रखे रही और फिर पास में जाकर थूक आई. उसके बाद मैंने अपने कपड़़े पहने और कुल्ला किया. फिर भाई भी बाथरूम में गया. उसका लंड अब सिकुड़ गया था.

फिर वो नंगा ही लेट गया.

उसका लंड बहुत रसीला लग रहा था. मैं दोबारा से उसके लंड से खेलने लगी.

फिर उसने एक बार मुझे फिर से चोद दिया.🔞 @bhai bahan ki nayi antarvasna kahani ✍

इस तरह से हमने उस रात को तीन बार चुदाई की.

फिर मैं भाई से रोज ही चुदने लगी. जब तक मेरी शादी नहीं हुई मैं अपने ही घर में रहकर बहुत बार चुदी.

कई बार तो उसने मुझे बाहर रूम पर ले जाकर भी चोदा. हम दोनों होटल में जाते थे और वहां पर चुदाई का मजा लेते थे.

उसके बाद मैंने एक बॉयफ्रेंड भी पाल लिया था. पर मुझे मेरे बॉयफ्रेंड से चुदाई में भी इतना मजा नहीं आता था जितना भाई के लंड से चुदवाने में आता था.

उसके बाद फिर शादी हो गयी लेकिन जब भी घर आती मैं भाई का लंड जरूर लेती थी.🔞 @bhai bahan ki nayi antarvasna kahani ✍

अब भी हम दोनों का ये प्यार जारी है. मुझे भाई के लंड से चुदने में अलग ही मजा आता है. 🔞 @bhai bahan ki nayi antarvasna kahani ✍


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